खबर संसार किच्छा दिलीप अरोरा। व्यापार मण्डल महामंत्री ने तोड़े कोविड के नियम,उड़ाई शोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियाँ ऐसा देखने को मिल रहा इस शहर में। जनाब इसी का नाम है शहर किच्छा क्योंकि यहाँ सब चलता है। किच्छा शहर मे अगर फ्री के ज्ञान देने वालो की बात करे तो यहां ऐसे नेताओं की कमी नहीं है। लेकिन ज़ब ऐसे नेताओं को जमीन पर या उनके वास्तविक जीवन मे देखा जाये तो यह उसके उलट ही सब करते दीखते है।
लेकिन मिडिया के कैमरे सामने हो और कोविड की गाइड लाइन से जुड़े सवाल यदि पूछ लिए जाये तो यह सरकार को लॉक डाउन और समाज को मास्क और शोशल डिस्टेंसिंग पर ऐसा ज्ञान बांटते नजर आएंगे की मानो जैसे यह सम्पूर्ण तरीके से गाइड लाइन का पालन करते हो।
ऐसा वाक्या पिछले कुछ दिनों एक व्यापारी नेता की किराने की शॉप के बहार देखने को मिल रहा है यहां लगातार शोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियाँ उड़ती जा रही है और जनाब है की शोशल मिडिया पर सरकार को पूर्ण लॉक डाउन की नसीहत देते दिख रहे है।
इन महोदय के पास शहर मे व्यापार मंडल महामंत्री का पद है यह एक जिम्मेदार पद पर विराजमान है ऐसे मे इनको जहां समाज के लिए एक मिसाल बनकर उभरना चाहिए तो इनके साथ इसके विपरीत घटना घट रही और लगातार इनकी दुकान के बहार शोशल डिस्टेंसिंग का मजाक बनाया जा रहा है यही नहीं दुकान का आधा शटर बंद करके दुकानदारी की जा रही है। सवाल यह भी है की आधा शटर बंद करकर ही क्यों। ज़ब अगर आज भी किराने की दुकानों को परमिशन है तो यह जनाब खुल कर पूरा शटर भी उठाकर समान दे सकते है और अगर आज इस प्रकार की दुकान को परमिशन नहीं है तो फिर खुली कैसे। खैर चलिए फिलहाल यह इनका परसनल मामला मान लेते है।
पर क्या जिस जिम्मेदार पद पर वो बैठे है और जहां पिछले 24 घंटो मे राज्य मे 180 मौते हो चुकी हो और शहर मे जहां जमकर भीड़ देखने को मिल रही हो तो क्या ऐसे मे इन महामंत्री साहब की सामजिक रूप से कोई जिम्मेदारी नहीं बनती की यह अपनी दुकान के एक नौकर को बहार खड़ा कर लोगो से शोशल डिस्टेंसिंग का पालन करवा सके या उस काम करने वाले से दुकान के बहार गोले बनवा ले।
चर्चाओ मे तो आज यह भी आ रहा है की प्रशासन ने भी इनकी दुकान पर इस नियम की धज्जियाँ उड़ने की फोटो भी ली है और नियमों का पालन कराने की नसीहत भी दी है फिलहाल हम इसका समर्थन नहीं करते है लेकिन प्रशासन को चाहिए की यदि शोशल डिस्टेंसिंग के उलंघन पर यदि आम जनता का चलान हो सकता है तो फिर व्यापार मण्डल महामंत्री का क्यों नहीं।
क्या यह क़ानून सिर्फ आम जनता के लिए बने है।
क्योंकि क़ानून से बड़ा कोई नहीं होता तो आखिर यह महामंत्री कैसे बड़ा हो गया।
और ज़ब इस पर प्रांतीय उद्योग व्यापार मंडल के प्रत्याक्षी रहे गुलशन सिंधी से पूछा गया की उनका इस पर क्या विचार है तो वह बहुत अच्छे नेता के अंदाज मे बोले की यह महामारी का वक़्त है और कोई भी व्यक्ति हो चाहे वह किसी भी पद पर हो सभी को नियमों का जरूर पालन करना और करवाना चाहिए। और मै स्वयं भी सभी व्यापारी भाइयो से निवेदन करूँगा की सभी लोग नियमों का पालन करें। और वेकक्सीन जरूर लगवाए।