ऐपल के डिवाइस इस्तेमाल करने वाले यूजर्स के लिए सरकार ने हाई रिस्क वॉर्निंग जारी की है। इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम ने कहा है कि आईफोन, आईपैड्स, मैकबुक और सफारी ब्राउजर के इस्तेमाल क्रिमिनल्स के निशाने पर हैं। 7 नवंबर को जारी की गई इस हाई रिस्क वॉर्निंग में यूजर्स को सलाह दी गई है कि वे अपने ऐपल डिवाइसेज को अपडेट रखें।
डेटा की चोरी और denial of Service का खतरा
CERT-IN ने कहा है कि iOS, iPadOS, macOS, tvOS, WatchOS, visionOS और सफारी के कई वर्जन्स में खतरे पाए गए हैं। इनके जरिए साइबर क्रिमिनल ऐपल प्रोडक्ट्स को इस्तेमाल करने वाले इंडिविजुअल्स और ऑर्गनाइजेशन को बड़ा नुकसान पहुंचा सकते हैं। इसमें डिवाइस में मौजूद डेटा की चोरी और Denial of Service भी शामिल है।
इन ओएस पर काम करने वाले डिवाइसेज पर खतरा
- CERT- In ने अपनी ऑफिशियल वेबसाइट पर इस खतरे से प्रभावित ओएस की जानकारी दी है।
- 18.1 से पहले के वर्जन वाले Apple iOS और iPadOS
- 17.7.1 से पहले के वर्जन वाले Apple iOS और iPadOS
- 15.1 से पहले के वर्जन वाले Apple macOS Sequoia
- 14.7.1 से पहले के वर्जन वाले macOS Sequoia
- 13.7.1 से पहले के वर्जन वाले macOS Ventura
- 11.1 से पहले के वर्जन वाले WatchOS
- 18.1 से पहले के वर्जन वाले tvOS
- 2.1 से पहले के वर्जन वाले Apple visionOS
- 18.1 से पहले के वर्जन वाले Apple Safari
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