अमेरिका में ग्रीन एनर्जी प्रोजेक्ट विवाद के बाद ईस्ट अफ्रीकन देश कीनिया ने अडानी ग्रुप को बड़ा झटका दिया है। कीनिया ने अडानी ग्रुप के साथ एक बड़ी एनर्जी डील की थी। जिसे अब कैंसिल कर दिया गया है। दरअसल, अडानी एनर्जी सॉल्यूशन ने इसी साल अक्टूबर में कीनिया इलेक्ट्रिकल ट्रांसमिशन कंपनी के साथ एक डील साइन की थी। एक समझौता किया था। ये समझौता तीस साल के लिए हुआ था।
आपको बता दें कि अडानी ग्रुप पर हाल ही में अमेरिका में घूसखोरी के गंभीर आरोप लगे हैं। माना जा रहा है कि इन आरोपों के बाद कीनिया सरकार ने ये कदम उठाया है। पहले अमेरिका में कोर्ट में ये मामला गया। ये आरोप लगे कि उन्होंने यहां पर कॉन्ट्रैक्ट पाने के लिए रिश्वत दी है। जिसके बाद अब केनिया सरकार ने अडानी ग्रुप के साथ 6 हजार करोड़ की पावर ट्रांसमिशन डील को रद्द कर दिया। इस प्रोजेक्ट के तहत अडानी ग्रुप कीनिया में पावर ट्रांसमिशन लाइंस का निर्माण करने वाली थी।
यह निर्णय नई जानकारी के आधार पर लिया गया है
केन्या के राष्ट्रपति विलियम रुटो ने कहा कि उन्होंने संबंधित एजेंसियों को नैरोबी के जोमो केन्याटा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे (जेकेआईए) और अडानी समूह के साथ एक राज्य के स्वामित्व वाली बिजली सेवा से संबंधित चल रही खरीद प्रक्रिया को तुरंत रद्द करने का निर्देश दिया है। एसोसिएटेड प्रेस की रिपोर्ट के अनुसार राष्ट्र के नाम संबोधन में रुतो ने कहा कि यह निर्णय हमारी जांच एजेंसियों और साझेदार देशों द्वारा प्रदान की गई नई जानकारी के आधार पर लिया गया है।
हालांकि, उन्होंने संयुक्त राज्य अमेरिका का नाम नहीं लिया। भ्रष्टाचार पर निर्विवाद सबूत या विश्वसनीय जानकारी मिलने पर मैं निर्णायक कार्रवाई करने में संकोच नहीं करूंगा। अडानी समूह एक समझौते पर हस्ताक्षर करने की प्रक्रिया में था, जो नैरोबी में केन्या के मुख्य हवाई अड्डे का आधुनिकीकरण करने वाला था। इसके अंतर्गत एक अतिरिक्त रनवे और टर्मिनल का निर्माण किया जाएगा, जिसके बदले में समूह 30 वर्षों तक हवाई अड्डे को चलाया जाना था।
गौरतलब है कि अमेरिका के सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज कमीशन यानी एसईसी ने 20 नवंबर को इस मामले में गौतम अडानी के भतीजे सागर अडानी समेत अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेज के अधिकारियों समेत एक अन्य फर्म अश्योर ग्लोबल पावर लिमिटेड के कार्याकारी सिरोल कोपनेस के खिलाफ भी आरोप लगाए हैं। रिपोर्ट में बताया गया है कि गौतम अडानी और उनके भतीजे सागर के साथ सात अन्य प्रतिवादियों ने अपनी रिन्यूअल एनर्जी कंपनी को कॉन्ट्रैक्ट दिलाने और भारत की सबसे बड़ी सौर्य ऊर्जा संयंत्र परियोदना विकसित करने के लिए भारतीय सरकारी अधिकारियों को लगभग 265 मिलियन डॉलर की रिश्वत देने पर सहमति जताई थी।
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