जी, हां मानसून की दस्तक के साथ ही पहाड़ों पर जमकर बारिश हो रही है। आलम ये है कि बारिश के शुरूआती रुख से ही पहाड़ों की जीवन दुश्कर हो गया है। जगह-जगह भूस्खलन हो रहा है। रास्ते रुक गए हैं। निचले इलाकों में पानी भर गया है। नदी-नाले उफान पर हैं। बारिश के चलते उत्तराखंड की चारधाम यात्रा पर भी असर पड़ा है।
जोशीमठ के पंगनो गांव में लगातार भूस्खलन हो रहा है जिसकी वजह से लोग परेशान हैं। भूस्खलन से 6 घर प्रभावित हो चुके हैं। गांव के ऊपर हो रहे भूस्खलन का मलबा गांव की तरफ आ रहा है। पिछले वर्ष भी इस गांव में लगातार भूस्खलन की वजह से लोग काफी परेशान रहे। ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन लगातार गांव की अनदेखी कर रहा है। हालांकि मौके पर प्रशासन की टीम रवाना हो चुकी है। प्रशासन यहां से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने की व्यवस्था में जुटा है।
उधर, बागेश्वर में भी 3 दिन से बारिश का सिलसिला जारी है। गरुड़ तहसील में तेज बारिश के चलते गरुड़ गंगा नदी उफान पर है। सरयू-गोमती नदियों का जल स्तर बड़ गया है। जिले की 15 सड़कों पर मलवा आने से बंद पड़ी हैं। प्रशासन जेसीबी मशीनों की मदद से सड़कों को खुलवाने में जुटा हुआ है। बागेश्वर के मंडलसेरा में कुंती और भागीरथी गधेरा में ज्यादा पानी आने से लोग दहशत में हैं।
चारधाम यात्रा पर असर
मानसून की बारिश के बाद उत्तराखंड की चारधाम यात्रा में भी कमी देखी जा रही है। बद्रीनाथ धाम में भी लगातार यात्रा में गिरावट है। हेमकुंड साहिब के यात्रियों में भी कमी आ गई है। फूलों की घाटी में सैलानियों की संख्या कम हो रही है। सड़क मार्ग बाधित होने की वजह से यात्रा में कमी देखी जा रही है।
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