खबर संसार नई दिल्ली।अब उम्मीदवारी की घोषणा के साथ ही सार्वजनिक करना होगा अपराधिक रिकॉर्ड भी जी हा ।राजनीतिक पार्टियों को अपने उम्मीदवारों को घोषणा करते ही 48 घंटे के भीतर उम्मीदवार का अपराधिक रिकॉर्ड को अखबारों और वेबसाइट पर जारी करना जरूरी होंगा अन्यथा उसके खिलाफ कड़े कदम उठा सकता है निर्वाचन आयोग। जी हा सुप्रीम कोर्ट ने अहम फैसले में राज्य सरकारों की शक्तियों को समाप्त करते हुए आदेश दिया है कि सांसदों विधायकों के खिलाफ अपराधिक मामले हाई कोर्ट की मंजूरी के बिना वापस नहीं लिए सकते हैं।
भाजपा कांग्रेस राजनीति के अपराधीकरण का विरोध करते
मुख्य न्यायाधीश जस्टिस एंड वीरमण जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस विनीत सरन की पीठ ने मंगलवार को इस मामले में न्याय मित्र विजय हंस आर्य के सुझावों को स्वीकार कर लिया कोर्ट ने माना राज्य मौजूदा व पूर्व विधायक को खिलाफ मुकदमे वापस ले रहे हैं।
दोनों ही आपराधिक रिकार्ड वाले प्रत्याशी उतारते
बिहार चुनाव में उम्मीदवारों के अपराधिक रिकार्ड का ब्योरा नहीं देने पर सुप्रीम कोर्ट ने भाजपा सहित आठ दलों पर जुर्माना लगा है कोर्ट ने एनसीपी तथा सीपीएम पर पांच पांच लाख का जुर्माना जबकि भाजपा कांग्रेस जनता दल यू आरजेडी लोकतांत्रिक जनता पार्टी भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी पर एक एक लाख का जुर्माना लगाया है कोर्ट ने टिप्पणी की है भाजपा कांग्रेस राजनीति के अपराधीकरण का विरोध करते हैं पर चुनाव में दोनों ही आपराधिक रिकार्ड वाले प्रत्याशी उतारते हैं।