आज पौष विनायक चतुर्थी है, हिन्दू धर्म में विनायक चतुर्थी का खास महत्व है। Vinayak Chaturthi के दिन जीवन में खुशियों का आगमन होता है तो आइए हम आपको पौष विनायक चतुर्थी व्रत का महत्व एवं पूजा विधि के बारे में बताते हैं।
पंडितों के अनुसार इस दिन अन्न-वस्त्र, कम्बल का दान करें। परमपिता भगवान शिव परम ब्रम्ह हैं। विष्णु पालनकर्ता व कल्याणकारी हैं। विष्णु जी के नाम का मानसिक जप करें। आज गंगा स्नान करें। पौष माह में शंकर जी की उपासना भी बहुत ही पुण्यदायी है।
इस दिन शिव पुराण के पाठ से धन आगमन व शुभता का आगमन होता है, पुण्य की प्राप्ति होती है। पौष माह में कम्बल व ऊनी वस्त्रों के दान करने से मनोवांछित फल मिलते हैं। गंगा स्नान व दान पुण्य करने से सभी पाप नष्ट होते हैं व आपका प्रगति मार्ग प्रशस्त होता है। प्रातःकाल शिव मन्दिर जाएं। भगवान शिवलिंग का जलाभिषेक करें। आज वर्ष का पहला वैभव लक्ष्मी व्रत भी है।
शुभ मुहूर्त
पौष माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि 3 जनवरी शुक्रवार को 01:08 ए एम शुरू होगी। इस तिथि का समापन 3 जनवरी को ही रात 11 बजकर 39 मिनट पर होगा। पौष विनायक चतुर्थी नए साल 2025 की पहली चतुर्थी है। विनायक चतुर्थी का व्रत पौष माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को रखा जाएगा। इस दिन विघ्नहर्ता श्री गणेश जी की पूजा दिन में करते हैं। पौष विनायक चतुर्थी के दिन 3 शुभ योग बन रहे हैं और उस दिन भद्रा एवं पंचक भी लग रहे हैं, और भद्रा का वास धरती पर ही है।
पौष विनायक चतुर्थी पर इस विधि से करें पूजा
शास्त्रों के अनुसार Vinayak Chaturthi पर सुबह सबसे पहले स्नान करके सूर्यदेव को जल देना चाहिए। इसके बाद घर साफ करके पंचोपचार कर पूरे विधि विधान से भगवान गणेश की पूजा करनी चाहिए। भगवान गणेश को पीले वस्त्र, दूर्वा, हल्दी मोदक आदि चढ़ाना चाहिए। भगवान गणेश की आरती देशी घी का दिया जलाकर करनी चाहिए। मंत्रों का जप करना चाहिए, साथ ही गणेश चालीसा का पाठ अवश्य करना चाहिए। जीवन में सुख-समृद्धि का वास बना रहे. ऐसी प्रार्थना भगवान गणेश से करनी चाहिए।
अंतिम में भगवान गणेश को भोग लगाना चाहिए, फिर प्रसाद का वितरण करना चाहिए। साथ ही इस दिन अन्न, धन, वस्त्र का दान करें। विनायक चतुर्थी व्रत के दिन शुक्रवार व्रत भी है। ऐसे में आप प्रदोष काल यानी सूर्यास्त के बाद माता लक्ष्मी की पूजा करें और उनको खीर, बताशे आदि का भोग लगाएं। गणेश जी और माता लक्ष्मी की कृपा से कष्ट मिटेंगे, सुख, समृद्धि, धन, वैभव और शुभता में बढ़ोत्तरी होगी। शुक्रवार के दिन सफेद कपड़े पहनें, चावल, चीनी, खीर, दूध, इत्र आदि का दान करें। इससे आपकी कुंडली का शुक्र दोष दूर होगा।
पौष विनायक चतुर्थी व्रत में चंद्र दर्शन का महत्व
पंडितों के अनुसार विनायक चतुर्थी के अवसर पर चंद्रमा को अर्घ्य देने के पश्चात पूजा का कार्य पूर्ण होता है और विनायक चतुर्थी को अर्घ्य अर्पित करने से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का संचार होता है।
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