खबर संसार किच्छा दिलीप अरोरा। अरे साहब! यह किच्छा के दुकानदार है यह नहीं सुधरेंगे शासन और प्रशासन दोनों ही लगातार जनता से सहयोग करने की अपील करते आये है और शासन की तरफ से भी हर हफ्ते एक नई गाइड लाइन देखने को मिलती है जिसमे लास्ट मे आई गाइड लाइन के अनुसार सिर्फ सुबह 7बजे से सुबह 10 बजे तक ही कुछ एक दुकानों जैसे दूध डेरी, कृषि से जुडी दुकाने मैडिकल, और कुछ अन्य दुकानों को ही इस टाइम मे खुलने की अनुमति है और 10 बजे के बाद कर्फ्यू टाइम प्रारम्भ ही जाता है जिसके बाद प्रशासन नियमों का पालन कराने के लिए मोर्चे पर डट जाता है।
लेकिन किच्छा के दुकानदार लगातार नियमों की धज्जियाँ ही उड़ाते रहे है चाहे वह शोशल डिस्टेंसिंग की हो या फिर कर्फ्यू टाइम मे दुकाने खोलने की या फिर आधा शटर खोलकर दुकानदारी करने की।पता नहीं यह दुकानदार किस मिट्टी के बने है इनको रोकने और नियमों की रक्षा करने के लिए चिता पुलिस भी बार बार सिद्धू मार्किट बोरिंग गली और मेन बजार मे चककर लगती रहती है और जो लोग गैर अनुमति वाली दुकाने खोलकर बैठे होते है या आधा शटर खोलकर दुकानदारी करते है उनको न केवल कोतवाली ले जाती है बल्कि उनका चलान भी करती है।
ईद से एक दिन पहले भी पुलिस ने करीब एक दर्जन दे ज्यादा दुकानदारों को उठा लिया था जिसके बाद शहर के कुछ नेता इनको बचाने के लिए कोतवाली के बहार नेतागिरी भी करते देखे गए।सवाल यही है की पुलिस काम करे तो समस्या और ज़ब कार्यवाही करे तो भी समस्या आखिर किस मिट्टी के बने है यहां के कुछ ऐसे लोग।
आज भी शहर के महाराणा प्रताप चौक के पास की कुछ तस्वीरे सामने आयी है जिसमे एक मिठाई की दुकान वाला आधा शटर खोलकर ग्राहक को समान दे रहा है। और उसी के पास दो किराने की दुकान वाले भी आधा शटर बंद करके उसके अंदर घुसते दिख रहे है और एक दुकान स्वामी बहार पहरा देता दिख रहा है वो बिना मास्क के।
इसलिए हम कहते है की साहब यह किच्छा के दुकानदार है यह आसानी से नहीं सुधरेंगे।
हैरानी की बात है की यह लोग लगातार खुद की जान के साथ साथ अन्य लोगो को भी मौत के मुँह मे धकेल रहे है। और नियमों की भी धज्जियाँ उड़ा रहे है और यदि प्रशासन इन पर ज्यादा सख़्ती करता है तो शहर के कुछ गणमान्य व्यक्ति इनको छुड़वाने के लिए कोतवाली तक नेतागिरी करते नजर आएंगे लेकिन ऐसे नेता कभी ऐसे दुकानदारों को समझाते तो ज्यादा अच्छा था।