कोरोना होने पर सिर्फ DOLO खाना कितना सही? जाने क्या है सही इलाज जी, हां कोरोना संक्रमण के समय DOLO 650 एक ऐसा नाम बन गया जिसे हर घर में जगह मिल गई। बुखार हो या बदन दर्द, लोग बिना सोचे समझे इसी गोली का सहारा लेने लगे। लेकिन क्या कोरोना जैसे गंभीर संक्रमण में सिर्फ DOLO खाना ही इलाज है? क्या इससे ठीक हो जाना संभव है या फिर इसके पीछे छिपे हैं कुछ जरूरी संकेत हैं, जिन्हें हम नजरअंदाज कर देते हैं?
सिर्फ DOLO खाना क्यों नहीं है काफी?
- DOLO बुखार को कम तो कर देती है, लेकिन यह वायरस को खत्म नहीं करती। इससे सिर्फ अस्थायी राहत मिलती है, जिससे लोग ये समझ बैठते हैं कि अब ठीक हो रहे हैं, जबकि अंदर ही अंदर संक्रमण बढ़ सकता है।
- कोरोना एक वायरल इंफेक्शन है और DOLO का काम वायरस को खत्म करना नहीं है। इसके लिए शरीर की इम्यूनिटी को मजबूत करना और डॉक्टर द्वारा दी गई उचित दवाओं का सेवन जरूरी होता है।
- सिर्फ बुखार नहीं, कोरोना में सांस फूलना, गले में खराश, स्वाद और गंध का जाना, कमजोरी जैसे लक्षण भी गंभीर हो सकते हैं। ऐसे में DOLO खाना और बाकी लक्षणों को नजरअंदाज करना खतरनाक हो सकता है।
कोरोना वायरल के लिए सही इलाज?
- कोरोना की पुष्टि होते ही किसी योग्य डॉक्टर से संपर्क करें। हर व्यक्ति का शरीर अलग होता है, इसलिए दवाएं और इलाज भी व्यक्ति विशेष पर निर्भर करता है।
- शरीर को पर्याप्त आराम और पानी देना बेहद जरूरी है। नारियल पानी, काढ़ा, सूप और हल्का भोजन शरीर की रिकवरी में मदद करता है।
- विटामिन C, D, ज़िंक आदि का सेवन डॉक्टर के सलाह अनुसार करें। ये शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने में सहायक होते हैं।
- पल्स ऑक्सीमीटर से SpO2 की नियमित जांच करें। अगर स्तर 94 से नीचे जा रहा है, तो तुरंत मेडिकल सहायता लें।
कोरोना को हल्के में लेना एक बड़ी भूल हो सकती है। DOLO सिर्फ एक प्राथमिक राहत देने वाली दवा है, न कि संपूर्ण इलाज। सही समय पर सही इलाज और डॉक्टर की सलाह ही इस बीमारी से उबरने का सही तरीका है। आत्मनिर्भर बनना ठीक है, लेकिन अज्ञानता में इलाज करना खतरनाक भी हो सकता है।
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