खबर संसार रामनगर.हाईकोर्ट द्वारा डीजीपी और प्रमुख सचिव गृह को तलब करना कोतवाल अरुण सैनी पर पड़ा भारीजी हा रिएक्शन के रूप में कुमाऊं रेंज डीआईजी डॉ.योगेंद्र सिंह रावत ने कोतवाली रामनगर के प्रभारी निरीक्षक अरुण कुमार सैनी के खिलाफ अनुशासनिक कार्रवाई करते हुए उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित करने के आदेश जारी किए हैं।साथ ही डीआईजी ने एसएसपी नैनीताल को आदेश दिया है कि संबंधित मामले में विभाग के किसी राजपत्रित अधिकारी को जांच सौंपें और जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करें।
हाईकोर्ट द्वारा डीजीपी और प्रमुख सचिव गृह को तलब करना कोतवाल अरुण सैनी पर पड़ा भारी!
आदेश में यह भी कहा गया है कि कोतवाली रामनगर में पंजीकृत आबकारी अधिनियम से संबंधित मुकदमे में अभियुक्तों की गिरफ्तारी के बाद न्यायालय की ओर से पारित विभिन्न निर्णय एवं निर्गत निर्देशों का उल्लंघन कर गिरफ्तार अभियुक्तों को जमानत पर रिहा नहीं किया गया। निलंबन की अवधि में कोतवाल सैनी को पुलिस लाइन नैनीताल में संबद्ध किया गया है।
पाठको को बताये चले कि हाईकोर्ट ने सीटीआर के टाइगर कैंप रिजॉर्ट मैनेजर राजीव शाह के खिलाफ एफआईआर और गिरफ्तारी के मामले में रामनगर कोतवाल अरुण सैनी, गर्जिया चौकी इंचार्ज प्रकाश पोखरियाल और एसआई दीपक बिष्ट के खिलाफ दायर अवमानना याचिका पर सुनवाई की। कोर्ट ने इस मामले में प्रमुख सचिव गृह और डीजीपी को मंगलवार को अदालत में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए उपस्थित होने का आदेश दिया है।
याचिकाकर्ता ने अपने बचाब में हाई कोर्ट को बताया कि 29 नवंबर को दोपहर में पुलिस ने मैनेजर पर रिजॉर्ट में मुफ्त में कमरा देने के लिए दबाव बनाया। मैनेजर ने शादी के लिए रिजॉर्ट पहले ही बुक होने के कारण कमरा देने में असमर्थता व्यक्त की। जिसके बाद दुर्भावना से उसी रात कोतवाल के आदेश पर पुलिस ने रिजॉर्ट में चल रहे शादी समारोह के बाद छापा मारकर फर्जी तरीके से शराब की 10 खाली बोतलें और शराब से आधी भरी एक बोतल बरामद दिखाकर रिजॉर्ट मैनेजर को गिरफ्तार कर लिया। रातभर उन्हें थाने में बैठाकर सुबह अपराधियों की तरह अभिरक्षा में उनका फोटो मीडिया को जारी किया गया और रिमांड के लिए कोर्ट में पेश किया गया। जबकि आबकारी अधिनियम के ऐसे अपराध के लिए सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देश के मुताबिक सीधे गिरफ्तारी नहीं की जा सकती है। चार सितंबर 2023 को इस संबंध में हाईकोर्ट की ओर से गृह सचिव, डीजीपी सहित सभी जिम्मेदार अधिकारियों को सर्कुलर भी जारी किया गया था। जमानतीय अपराधों में नागरिकों को बिना नोटिस सीधे गिरफ्तार नहीं किया जा सकता है। मामले की सुनवाई न्यायाधीश न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की एकलपीठ में हुई. फिलहाल इस मामले से हड़कंप मचा हुआ है.