नई दिल्ली: खबर संसार: माता की तीसरी शक्ति हैं Chandraghanta। मां का स्वरूप परम शांतिदायक और कल्याणकारी है। मां के मस्तक पर घंटे का आकार का अर्धचंद्र है, इसलिए मां को Chandraghanta नाम से जाना जाता है।
मां की ये शक्ति मां Chandraghanta शत्रुहंता के रूप में विख्यात हैं। ऐसे में आज 15 अप्रैल 2021 बृहस्पतिवार के दिन चैत्र नवरात्रि की तृतीया है। देवी का यह स्वरूप परम शांतिदायक और कल्याणकारी है। इसीलिए कहा जाता है कि हमें निरंतर उनके पवित्र विग्रह को ध्यान में रखकर साधना करना चाहिए।
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मां की ऐसे करें आराधना
- तीसरे दिन देवी Chandraghanta की आराधना करने के लिए सबसे पहले पूजा स्थान पर देवी की मूर्ति की स्थापना करें।
- इसके बाद इन्हें गंगा जल से स्नान कराएं।
- इसके बाद धूप-दीप, पुष्प, रोली, चंदन और फल-प्रसाद से देवी की पूजा करें.।
- अब वैदिक और संप्तशती मंत्रों का जाप करें।
- माां के दिव्य रुप में ध्यान लगाएं।
- ध्यान लगाने से आप अपने आसपास सकारात्मक उर्जा का संचार करते हैं।
- शरणागत हो करें उपासना
शत्रुहंताके रूप में विख्यात
इनके शरीर का रंग सोने के समान बहुत चमकीला है। इस देवी के दस हाथ हैं। वे खड्ग और अन्य अस्त्र-शस्त्र से विभूषित हैं। सिंह पर सवार इस देवी की मुद्रा युद्ध के लिए उद्धत रहने की है। इसके घंटे सी भयानक ध्वनि से अत्याचारी दानव-दैत्य और राक्षस कांपते रहते हैं।
तीसरे दिन मां Chandraghanta की पूजा के लिए खासकर लाल रंग के फूल चढ़ाएं। इसके साथ ही फल में लाल सेब चढ़ाएं। भोग चढ़ाने के दौरान और मंत्र पढ़ते वक्त मंदिर की घंटी जरूर बजाएं। क्योंकि मां चंद्रघंटा की पूजा में घंटे का बहुत महत्व है।
मान्यता है कि घंटे की ध्वनि से मां चंद्रघंटा अपने भक्तों पर हमेशा अपनी कृपा बरसाती हैं। मां Chandraghanta को दूध और उससे बनी चीजों का भोग लगाएं और और इसी का दान भी करें। मां चंद्रघंटा को मखाने की खीर का भोग लगाना श्रेयस्कर माना गया है। मान्यता है कि ऐसा करने से मां खुश होती हैं और सभी दुखों का नाश करती हैं।