जिस थाली में खाना उसी में छेद करना’ आपने ये कहवात तो खूब सुनी होगी। बांग्लादेश ने भारत से बैर का नया राग इन दिनों छेर रखा है। कभी दक्षिण एशिया की राइजिंग इकोनॉमी कहलाने वाली बांग्लादेश आज अपने ही गलत फैसलों और कमजोर नेतृत्व के कारण आर्थिक संकट में फंसा हुआ है। हालात इस कदर खराब हो चुके हैं कि विदेशी मुद्रा भंडार खत्म होने की कगार पर है।
सरकार के पास बिजली बिल भरने तक के पैसे नहीं और अब कर्ज लेना भी आसान नहीं रहा। लेकिन इन सब के बीच बांग्लादेश ने अपनी बर्बादी की कहानी को छुपाने के लिए भारत के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। अब स्थिति ये है कि बांग्लादेश ने भारतीय टीवी चैनलों और यूट्यूब कंटेंट को बैन करने के लिए अपने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर दी है। पिछले कुछ सालों में भारत ने बांग्लादेश को कई मेगा प्रोजेक्ट के जरिए आर्थिक और रणनीतिक मदद दी थी।
बांग्लादेश ने भारत पर लगाया ये आरोप
शेख हसीना सरकार के दौरान भारत और बांग्लादेश के संबंध मजबूत रहे। लेकिन मोहम्मद युनूस की सरकार आते ही स्थिति पूरी तरह से बदल गई। बांग्लादेश ने आरोप लगाया कि भारतीय टीवी चैनल और यूट्यूबर उनके देश की छवि खराब कर रहे हैं। इंडियन एक्सप्रसे की खबर के अनुसार, बांग्लादेश की हाई कोर्ट में एक रिट याचिका दायर की गई है, जिसमें देश में सभी भारतीय टेलीविजन चैनलों के प्रसारण पर प्रतिबंध लगाने का अनुरोध किया गया है।
याचिका दायर करने वाले वकील एखलास उद्दीन भुइयां ने सोमवार को इस घटनाक्रम की पुष्टि की। उन्होंने कहा कि इस मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति फातेमा नजीब और न्यायमूर्ति सिकदर महमूदुर रज़ी की उच्च न्यायालय की पीठ द्वारा किए जाने की उम्मीद है। याचिका में विशेष रूप से भारतीय टीवी चैनलों के प्रसारण पर रोक लगाने के लिए केबल टेलीविजन नेटवर्क ऑपरेशन अधिनियम 2006 की धारा 29 के तहत निर्देश देने की मांग की गई है। इसमें यह स्पष्टीकरण भी मांगा गया है कि बांग्लादेश में इन चैनलों पर प्रतिबंध लगाने के लिए नियम क्यों नहीं जारी किया जाना चाहिए।
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