नई दिल्ली, खबर संसार। देश में कोरोना वैक्सीन (vaikseen) दिए जाने की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। मंगलवार को स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से कहा गया कि 10 दिन के भीतर यानी 13 जनवरी से वैक्सीन लगाने की शुरुआत की जा सकती है।
पहले किसे लगेगी कोरोना वैक्सीन
भारत सरकार की तरफ से इसके लिए प्रायोरिटी ग्रुप का चयन किया गया है। सरकार तीन चरणों में टीका लगवाएगी। पहले चरण में सभी फ्रंटलाइन हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स व हाई रिस्क डेथ वाले और दूसरे चरण में इमरजेंसी सर्विसेज से जुड़े लोगों को वैक्सीन दी जाएगी।
तीसरे चरण में उन लोगों को वैक्सीन (vaikseen) दी जाएगी जो गंभीर बीमारियों के शिकार हैं। इसके लिए कई राज्यों ने अपने यहां स्वास्थ्यकर्मियों की लिस्ट भी तैयार कर ली है। उदाहरण के लिए ओडिशा राज्य में स्थानीय प्रशासन ने तीन लाख से अधिक स्वास्थ्यकर्मियों की लिस्ट बनाई हुई है।
कितने लोगों को लगेगा टीका
भारत सरकार का लक्ष्य जुलाई 2021 तक 30 करोड़ लोगों को कोविड वैक्सीन (vaikseen) देने का है। इसे विश्व का ‘सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान’ भी कहा जा रहा है। भारत में कोविड-19 के एक्टिव मामलों में तेजी से कमी आई है। यह संख्या 2,31,036 रह गई है, जो अभी तक के कुल संक्रमितों का ‘महज’ 2.23 फीसदी है।
रजिस्ट्रेशन के लिए क्या होगा जरूरी
कोरोना वैक्सीन (vaikseen) के रजिस्ट्रेशन के लिए निम्नलिखित में से कोई भी एक डॉक्यूमेंट दिखाना होगा। आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, हेल्थ इंश्योरेंस, स्मार्ट कार्ड, मनरेगा जॉब कार्ड, पैन कार्ड, बैंक या पोस्ट ऑफिस की पासबुक, पासपोर्ट, पेंशन डॉक्यूमेंट, केंद्र, राज्य व पीएयू कर्मचारियों का आई कार्ड, वोटर आईडी।
क्या रजिस्ट्रेशन होगा जरूरी
कोरोना वैक्सीन के लिए रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी होगा। स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को यह निर्देश दिए गए हैं कि सभी लाभार्थियों का ब्यौरा को-विन कोविड वैक्सीन इंटेलिजेंस नेटवर्क सिस्टम ऐप पर अपलोड हो।
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ऐसे में आपको इस ऐप पर रजिस्टर कराना होगा। हेल्थ वर्कर्स और अग्रिम पंक्ति के कर्मचारियों को खुद को रजिस्टर्ड कराने की जरूरत नहीं है क्योंकि उनका डाटा बड़े पैमाने पर को-विन वैक्सीन (vaikseen) डिस्ट्रीब्यूशन मैनेजमेंट सिस्टम में फीड है।
वैक्सीन पर कितना खर्च आएगा
कई राज्य और केंद्र शासित प्रदेश पहले ही घोषणा कर चुके हैं कि सरकार निशुल्क टीकाकरण के लिए टीके का खर्च वहन करेगी। सीरम इंस्टीट्यूट के सीईओ अदार पूनावाला ने एक बयान में कहा कि भारत सरकार के लिए, कोविड वैक्सीन प्रति डोज 3 से 4 डॉलर होगी। प्रत्येक व्यक्ति को वैक्सीन की दो डोज लगाई जाएंगी। इसलिए 6 डॉलर (440 रुपये प्रति व्यक्ति) की वैक्सीन पड़ेगी। हालांकि पूनावाला ने कहा कि बाजार में इसकी कीमत लगभग 700-800 रुपये होगी।
क्या सभी को लगवानी होगी वैक्सीन?
ऐसा नहीं है। कोरोना वैक्सीन लगवाना पूरी तरह से आपकी मर्जी पर निर्भर है। हालांकि, एक्सपर्ट का कहना है कि खुद की सुरक्षा के लिए वैक्सीन की पूरी डोज लेना जरूरी है। इसकी वजह है कि इस बीमारी का संक्रमण एक व्यक्ति से उसके परिवार के सदस्यों, दोस्तों, रिश्तेदारों और काम करने वाले सहयोगियों में ना हो।
क्या देश में और वैक्सीन भी आएंगी?
हां, अभी तक सिर्फ दो वैक्सीन के इमरजेंसी यूज को मंजूरी दी गई हैं। लेकिन अभी कई कंपनियां वैक्सीन पर काम कर रही हैं। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के निदेशक रणदीप गुलेरिया ने कहा कि अब से तीन से चार महीने बाद अन्य टीके भी उपलब्ध होंगे और तब भंडार भी बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि तब वैक्सीनेशन प्रोग्राम में अधिक तेजी लायी जा सकती है।
वैक्सीन की कितनी खुराक है उपलब्ध
सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) अब तक ऑक्सफोर्ड एस्ट्राजेनेका कोविड-19 टीके की करीब पांच करोड़ खुराक का उत्पादन कर चुकी है। कंपनी ने सोमवार को कहा कि उसका लक्ष्य मार्च तक 10 करोड़ खुराक के उत्पादन का है। अगर मामलों में बढ़ोतरी होगी तो देश में वैक्सीन के बड़े डोज की जरूरत होगी।
कैसे मिलेगी वैक्सीन लगवाने की जानकारी
सरकार की तरफ से प्रायोरिटी ग्रुप का चयन किया गया है। यदि आप उस प्रायोरिटी ग्रुप में शामिल हैं तो आपके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर के जरिये आपको सूचना दी जाएगी। इसके साथ ही यह बताया जाएगा कि आपको वैक्सीन कहां दी जाएगी। इसके अलावा आपको वैक्सीन का पूरा शेड्यूल भी बताया जाएगा।
वैक्सीन लगवाने पर कोई साइड इफेक्ट्स हुआ तो
कोरोना वैक्सीन लगवाने के बाद किसी भी तरह का साइड इफेक्ट्स होने पर रियल टाइम रिपोर्टिंग का प्रोविजन है। अन्य फीचर्स में 12 भाषाओं में टेक्स्ट मैसेज, 24X7 हेल्पलाइन, चैट बोट असिस्टेंट भी उपलब्ध रहेगा। वैक्सीनेशन को लेकर 700 से अधिक जिलों में 90 हजार से अधिक लोगों को ट्रेंनिंग दिया जा चुका है।