जी, हां ओडिशा सरकार ने महिलाओं को लेकर बड़ा फैसला लिया है। अब राज्य में महिला कर्मचारियों को 180 दिनों का मैटरनिटी लीव मिलेगा। ओडिशा सरकार के कर्मचारी अब सरोगेसी से माता-पिता बनने के मामले में भी मातृत्व और पितृत्व अवकाश का लाभ उठा सकते हैं। राज्य की मोहन माझी सरकार ने ऐसे मामलों में माताओं के लिए 180 दिन और पिताओं के लिए 15 दिन की छुट्टी को मंजूरी दी है।
राज्य के वित्त विभाग की ओर से गुरुवार को जारी एक अधिसूचना में कहा गया है कि राज्य सरकार की एक महिला कर्मचारी, जिसके दो से कम जीवित बच्चे हैं, जो ‘सरोगेट मदर’ बनती है, वह 180 दिनों के मातृत्व अवकाश के लिए पात्र होगी। अधिसूचना में कहा गया है कि सरोगेट मां का मतलब ऐसी महिला है जो अपने गर्भ में भ्रूण के आरोपण से सरोगेसी के माध्यम से एक बच्चे (जो इच्छुक दंपत्ति या इच्छुक महिला से आनुवंशिक रूप से संबंधित है) को जन्म देने के लिए सहमत है और सरोगेसी (विनियमन) अधिनियम, 2021 की धारा 4 के खंड (iii) के उप-खंड (बी) में प्रदान की गई शर्तों को पूरा करती है।
इन को मिलेगा इस योजना का लाभ
राज्य सरकार की महिला कर्मचारी जिसके दो से कम जीवित बच्चे हैं, जो ‘कमीशनिंग मदर’ बन जाती है – एक जैविक मां जो किसी अन्य महिला में भ्रूण को प्रत्यारोपित करने के लिए अपने अंडे का उपयोग करती है – 180 दिनों के मातृत्व अवकाश के लिए पात्र होगी। राज्य सरकार का एक पुरुष कर्मचारी जिसके दो से कम जीवित बच्चे हैं, जो ‘कमीशनिंग पिता’ बन जाता है। सरोगेसी के माध्यम से पैदा हुए बच्चे का जैविक पिता – बच्चे के जन्म की तारीख से छह महीने की अवधि के भीतर 15 दिनों के पितृत्व अवकाश के लिए पात्र होगा।
अधिसूचना में कहा गया है, यदि सरोगेट मां और कमीशनिंग मां दोनों राज्य सरकार की कर्मचारी हैं, तो दोनों 180 दिनों के मातृत्व अवकाश के लिए पात्र होंगी। हालांकि राज्य सरकार अब प्राकृतिक एवं दत्तक माता वाली महिला कर्मचारियों को 180 दिन का मातृत्व अवकाश तथा पुरुष कर्मचारियों को 15 दिन का पितृत्व अवकाश प्रदान कर रही है, लेकिन सरोगेसी के लिए यह प्रावधान कुछ समय से विचाराधीन था।
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