पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी ने अमेरिका पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि अफगानिस्तान से अमेरिकी फौज की वापसी और पीछे छोड़े गए हथियारों ने पाकिस्तान की सुरक्षा को खतरे में डाल दिया है। वे वर्तमान में वाशिंगटन दौरे पर हैं और अमेरिका-पाक संबंधों पर तीखी टिप्पणी कर रहे हैं।
बिलावल ने कहा कि अफगानिस्तान में छोड़े गए हथियार अब आतंकवादी समूहों के हाथ लग चुके हैं और इनका उपयोग पाकिस्तानी सुरक्षाबलों के खिलाफ किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि कुछ आतंकियों के पास ऐसे उन्नत हथियार हैं जो हमारी पुलिस के पास भी नहीं हैं।
क्षेत्रीय सहयोग की मांग
भुट्टो ने कहा, “हम आतंकवाद और अफगानिस्तान पर दशकों से बात करते आ रहे हैं, लेकिन अब समय है कि क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ठोस सहयोग हो।” उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि काबुल के बाद की स्थिति से निपटना अब सभी देशों की साझी जिम्मेदारी है।
अफगानिस्तान की प्रतिक्रिया और विश्लेषण
हालांकि तालिबान शासित इस्लामिक अमीरात ने अभी तक प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन अतीत में वह इस तरह के आरोपों को खारिज करता रहा है। अफगान राजनीतिक विश्लेषक मोहम्मद ज़लमई अफ़गान यार ने भी पाकिस्तान की आलोचना करते हुए कहा कि वह क्षेत्रीय देशों को धमका रहा है। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या पाकिस्तान अपने आर्थिक हितों से ऊपर उठकर अफगानिस्तान के साथ सकारात्मक नीति अपना सकता है?
हालांकि अफ़गान सरकार ने अर्थव्यवस्था-केंद्रित नीति की घोषणा की है। क्या पाकिस्तान अफ़गानिस्तान को भी यही संदेश दे सकता है? क्या पाकिस्तान अपनी आर्थिक सौदेबाज़ी छोड़ सकता है और अफ़गान सरकार के लिए और समस्याएँ पैदा करने में अमेरिका के साथ सहयोग करने से बच सकता है?
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