तृणमूल कांग्रेस (TMC) की सांसद महुआ मोइत्रा की संसद सदस्यता रद्द हो गई है। कैश फॉर क्वेरी यानी पैसे लेकर सवाल पूछने संबंधी मामले में तृणमूल कांग्रेस (TMC) की सांसद महुआ मोइत्रा के खिलाफ जांच करने वाली एथिक्स कमेटी ने शुक्रवार को अपनी जांच रिपोर्ट लोकसभा में पेश की, जिस पर मतदान हुआ। इस वोटिंग में टीएमसी सांसद के खिलाफ सदन में प्रस्ताव पास हो गया। इसके बाद ‘कैश फॉर क्वेरी’ मामले में महुआ मोइत्रा को लोकसभा से निष्कासित कर दिया गया है
इसके बाद विपक्षी सांसदों ने जमकर विरोध दर्ज कराया। रिपोर्ट पेश होने के बाद विपक्ष की ओर से हंगामा किया गया। विपक्षी सांसदों की मांग की कि महुआ मोइत्रा को लोकसभा में बोलने की अनुमति दी जाए, स्पीकर ओम बिरला ने इसकी इजाजत नहीं दी गई।
ओम बिरला ने कहा कि मेरे पास पहले से चली आ रही परंपराओं की कॉपी है। पूर्व स्पीकर सोमनाथ चटर्जी और प्रणब मुखर्जी पहले यहां थे। उन्होंने जो नियम और परंपराएं दीं, वे हमारे नियम माने जाते हैं। सोमनाथ चटर्जी ने कहा था कि जिन सदस्यों पर आरोप होते हैं उन्हें समिति के सामने बोलने के लिए पर्याप्त समय दिया जाता है।
निष्पक्ष सुनवाई नहीं हुई;टीएमसी सांसद
इस सदन की परंपरा है कि पिछले अध्यक्षों द्वारा अपनाई गई परंपराओं को अगले अध्यक्षों द्वारा हमेशा आगे बढ़ाया जाता है। टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने कहा कि निष्पक्ष सुनवाई तभी होगी जब किसी प्रभावित व्यक्ति की बात सुनी जाएगी। अगर किसी प्रभावित व्यक्ति की बात नहीं सुनी जाएगी तो निष्पक्ष सुनवाई नहीं हो सकती…आज हम किसी व्यक्ति के अधिकार का फैसला कर रहे हैं।
हम एक व्यक्ति के अधिकार का फैसला कर रहे हैं, हम सभी एक अर्ध-न्यायिक निकाय के रूप में कार्य कर रहे हैं…मैं आपसे अनुरोध करता हूं, कृपया महुआ मोइत्रा को सुनने की अनुमति दें। टीएमसी सांसद सुदीप बंद्योपाध्याय ने अनुरोध किया कि महुआ मोइत्रा को सदन के समक्ष अपना पक्ष रखने की अनुमति दी जाए। उन्होंने कहा कि मैं क्या प्रस्ताव रखता हूं- मेरी पार्टी की प्रवक्ता खुद महुआ मोइत्रा होंगी क्योंकि आरोप उनके खिलाफ है। अनर्गल आरोप लगाए गए हैं। चाहे ये सच हो या गलत, उसे बोलने दीजिए।
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