खबर संसार, नई दिल्ली : …तो फिर ‘कांग्रेस मुक्त भारत’ की राह पर Congress, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जो अभियान छेड़ रखा है कांग्रेस मुक्त भारत का। शायद वह सच होता दिखाई दे रहा है। 2022 के विस चुनाव में मिली करारी हार के बाद अब और उसका दायरा राज्य सभा में भी सिमट रहा है। अब देश के 17 राज्यों केंद्र शासित प्रदेशों से अब Congress का एक भी राज्यसभा में प्रतिनिधि नहीं रह जाएगा। कांग्रेस के सामने यह बहुत संकट की स्थित है। 2014 के बाद से एक के बाद एक राज्य कांग्रेस गंवाती जा रही है ।
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यहा बताते चलें कि मार्च के आखिरी में राज्यसभा में कांग्रेस के 33 सांसद थे। एके एंटनी समेत चार सदस्य रिटायर हो चुके हैं। वहीं जून और जुलाई में 9 और सदस्यों का कार्यकाल खत्म हो जाएगा। रिटायर होने वालों में पी चिदंबरम, अंबिका सोनी, जयराम रमेश और कपिल सिब्बल भी शामिल हैं। चुनाव के बाद राज्यसभा में कांग्रेस की संख्या ज्यादा से ज्यादा 30 सदस्यों की रह जाएगी।
अब तक ऐसा कभी नहीं हुआ कि राज्यसभा में कांग्रेस के इतने कम सांसद रहे हों। कांग्रेस को उम्मीद है कि तमिलनाडु में 6 सीटों में से डीएमके एक सीट दे देगी। इसके बाद उसकी संख्या राज्यसभा में 31 हो जाएगी। हालांकि पार्टी का उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, पंजाब, तेलंगाना, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, ओडिशा, दिल्ली और गोवा से कोई भी सांसद नहीं रहेगा।
इन 17 राज्यों में कांग्रेस को नहीं मिलेगी एक भी सीट
17 राज्यों में कांग्रेस को बड़ा नुकसान होने वाला है। चुनाव के बाद कई बड़े राज्यों से भी कांग्रेस के राज्यसभा सांसद नहीं रहेंगे। पंजाब की सत्ता हाथ से जाने से भी कांग्रेस को बड़ा नुकसान हुआ है। इन राज्यों में हिमाचल प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, गोवा, आंध्र प्रदेश, ओडिशा, सिक्क्मि, असम, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, नगालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा शामिल हैं।