खबर संसार किच्छा -दिलीप अरोरा। किच्छा प्रशासन की लापरवाही से टैम्पो चालक मौज मे जी जा किच्छा मे जिस तरह से टैम्पो चालक उत्तर प्रदेश से आने वाले लोगो की अपने वाहन मे बैठा रहे उसको देख कर लग रहा है की यदि कोरोंना की तीसरी लहर आयी तो उधम सिंह नगर मे कोरोना बिस्फोट होने से कोई नहीं रोक पायेगा।कोरोना गाइड लाइन अभी भी चल रही है और सार्वजानिक स्थानों पर मास्क और दो गज की दूरी का नियम अभी भी लागू है।
टैम्पो चालक सवारी से मनमाना किराया तो वसूल ही रहे है साथ ही किच्छा कोतवाली के सामने से ही उत्तर प्रदेश से ट्रेन से आने वाली सवारियों को ठूस ठूस कर भर रहे है और प्रशासन सिर्फ चलान की प्रक्रिया को पूरा करके अपनी पीठ थपथपाने मे ही व्यस्त है।लेकिन इस पर नियंत्रण लगाने मे असफल हो रहा है।हल्द्वानी मार्ग कोतवाली के सामने रोज शाम को जाम लग जाता है और रोज नियमों की मजाक बनती है कोरोना काल मे और तीसरी लहर की चेतावनी के बिच प्रशासन की यह लापरवाही कही आने वाले समय मे क्षेत्र के लिए खतरनाक सबित न हो जाये।
आलाधिकारियो को भी यह सोचना होगा की बड़े बड़े एक्सपर्ट इस बात को कह चूके है की कोरोना का नया वैरियंट डेल्टा प्लस ज्यादा खतरनाक है और तीसरी लहर आ सकती है बावजूद इसके यहां टैम्पो चालक लगातार कोरोना नियमों के साथ साथ यातायात नियमों की भी धज्जियाँ उड़ा रहे है।
*शहर मे रोज शाम को टैम्पो चालकों की वजहा से लगता है जाम*प्रतिदिन शाम को ट्रेन के आते ही जिस तरह से टैम्पो चालक कोतवाली के सामने हल्द्वानी मार्ग पर एकत्र होते है यह नजारा देखते ही बनता है और इस जाम से जो परेशानी जनता को होती है उसको जनता ही समझती है पर ऐसे टाइम पर वहा प्रशासन का कोई भी नुमाइन्दा नजर नहीं आता। तो क्या टैम्पो चालक प्रशासन पर दबाव बनाकर नियमों को तार तार करने मे लगे है। क्योंकि जिस तरह यह सवारी बैठाते है और जितनी संख्या मे बैठाते है तो वह दिन दूर नहीं ज़ब कोरोना का नया वैरियंट डेल्टा प्लस प्रदेश मे अपने पैर पसार लेगा। क्योंकि यहां के हलात देखकर लगता नहीं की अभी प्रशासन ने हजारों मौतो से कोई सबक लिया है।
*आरटीओ साहब क्या टैम्पो मे बैठ सकती है इतनी सवारी*
अभी कोविड कर्फ्यू जारी है और एसओपी के अनुसार सार्वजानिक स्थानो पर मास्क और शोशल डिस्टेंसिंग अति आवश्यक है। बावजूद इसके कोतवाली और स्टेशन के पास ट्रेन के आने के समय मे इस नियम की प्रतिदिन धज्जियाँ उड़ती है।यही नहीं जहां नियम था की प्राइवेट सवारी वाहन 50 प्रतिशत क्षमता के साथ ही सवारी बैठाकर ही चलेंगे तो अभी तो कोरोना महामारी अभी पूरी तरह से समाप्त भी नहीं हुई है और तीसरी लहर की आशंका भी बनी हुई है ऐसे मे किच्छा से रुद्रपुर चलने वाले बे रोक टोक 10 से 13 सवारी तक बैठा रहे है और यही नहीं ड्राइवर सीट पर जहां किसी भी नियमानुसार कोई भी प्राइवेट सवारी वाहन चालक आगे की सीट पर दो लोग भी नहीं बैठा सकता ऐसे मे यह लोग खुले आम किच्छा कोतवाली के सामने ऐसा कर रहे है। जिस पर प्रशासन पूर्ण रूप से धृस्टराज बना हुआ है।और आरटीओ साहब भी इस और ध्यान देने मे असमर्थ प्रतीत होते है।
*कोरोना का हवाला देकर यात्रियों से वसूला जा रहा दोगुना किराया*
अभी तक होता यह था की ज़ब भी प्रशासन मैजिक या टैम्पो चालकों को पीछे की सीट और ड्राइवर सीट पर सवारी बैठाने से मना करता आया है तब तब इन्होने यात्रियों से किराया बढ़ाकर लेते रहे है।लेकिन मौजूदा हलात मे यह लोग अनुमानित सवारी से ज्यादा सवारी बैठाकर और ड्राइवर की सीट और पीछे की सीट पर भी सवारी बैठा कर भी सवारियों से ज्यादा पैसा वसूल रहे है।और कोरोना चल रहा है यह कहकर सवारियों से रुद्रपुर तक के 40 रुपए ले रहे है।
*तो क्या चलान कटवाकर मिल सकती नियमों के उलंघन करने की छूट*
ज़ब ट्रेन के आने के बाद कोतवाली के समाने जे हलात जानने कैमरा लेकर पहुचे तो यह देखकर हैरानी हुई की डीडी चौक से चलने वाले वाहन किच्छा कोतवाली के सामने रेलवे स्टेशन के पास से दर्जनों की संख्या मे पहुंचकर सवारी भरते नजर आ रहे थे जिसकी वजहा से जाम भी लग रहा था लेकिन वहा कोई भी पुलिस का जवान नजर नहीं आया। जो की इनको सख़्ती से नियमों का पाठ ठीक वैसे पढ़ा सके जैसे दो पहिया वाहन चालकों को पढ़ाया जाता है।
क्योंकि जिस प्रकार से यह लोग नियमों की अनदेखी कर रहे है उससे कोरोना के नये वैरियंट का खतरा ज्यादा है इसकी तुलना मे दो पहिया वाहनों से उतना नहीं होगा।ऐसे मे सिर्फ चलान करकर सैकड़ो जिंदगीयों को मौत के मुँह मे धकेलना और इनको नियमों की अनदेखी करने की छूट देना किस हद तक सही है।अब देखना होगा है की आखिर इस समस्या का समाधान कैसे होगा और कब होगा या होगा भी या नहीं। या ऐसे ही नियमों की धज्जियाँ उड़ती रहेंगी।