मौका मिलेगा तो हम जातिगत जनगणना कराएंगे : अखिलेश यादव जी, हां लोकसभा में संविधान पर बहस को लेकर समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख अखिलेश यादव ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ सरकार के फैसलों के कारण देश में असमानता बढ़ी है और कहा कि धर्मनिरपेक्षता को मजबूत किया जाना चाहिए। भारतीय संविधान को अपनाने की 75वीं वर्षगांठ पर चर्चा के दौरान लोकसभा में समाजवादी पार्टी सांसद अखिलेश यादव ने कहा कि यह संविधान हमारी ढाल है, हमारी सुरक्षा है, यह हमें समय-समय पर शक्ति प्रदान करता है। संविधान शोषित, उपेक्षित, पीड़ित और वंचितों के अधिकारों का सच्चा संरक्षक है।
सपा नेता ने कहा कि यह संविधान बहुत बड़ा सहारा है। हमारे जैसे लोगों और देश के कमजोर लोगों के लिए, खासकर PDA के लिए संविधान बचाना जीवन-मरण का सवाल है। उन्होंने दावा किया कि देश के अल्पसंख्यकों और विशेषकर मुसलमानों को दूसरे दर्जे का नागरिक बनाने का प्रयास हो रहा है, उन पर हमला किया जा रहा है, संपत्ति को नुकसान पहुंचाया जा रहा है। सपा नेता ने कहा कि उत्तर प्रदेश में कई जगहों पर इस तरह की घटनाएं जानबूझकर की गईं और विधानसभा उपचुनाव के समय लोगों को मतदान से रोका गया। यादव ने कहा कि संविधान ने ही विविधताओं से भरे इस देश को एक सूत्र में बांधकर रखा है। उनका कहना था कि संविधान 90 प्रतिशत पीड़ित और शोषित जनता का सबसे बड़ा संरक्षक है।
2014 के बाद जिस तेजी से असमानताएं बढ़ी हैं, वह अकल्पनीय है
यादव ने कहा कि ‘पीडीए’ (पिछड़ा, दलित अल्पसंख्यक) के लिए संविधान जीवन और मरण का विषय है। उन्होंने दावा किया कि 2014 के बाद जिस तेजी से असमानताएं बढ़ी हैं, वह अकल्पनीय है। देश के 140 करोड़ लोगों में से 82 करोड़ लोग सरकारी राशन पर गुजारा कर रहे हैं। जो देश को बताते हैं कि हम दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बन रहे हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि आज ‘‘हर मस्जिद के नीचे मंदिर खोजने की कोशिश करके माहौल खराब किया जा रहा है।’’ यादव ने कहा, ‘‘मैं उच्चतम न्यायालय का आभार व्यक्त करता हूं कि उसने इस पर अंकुश लगाया। समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि उन्हें गर्व है कि महिलाएं चुनाव प्रक्रिया में भाग लेने के लिए अपनी जान गंवाने से नहीं डरतीं।
समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने 2014 के बाद से बढ़ती आर्थिक असमानता पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि हाल के वर्षों में अमीर और गरीब के बीच अंतर काफी बढ़ गया है। यादव ने सरकार पर उत्तर प्रदेश उपचुनाव के दौरान मुसलमानों को वोट डालने से रोकने का भी आरोप लगाया, साथ ही राज्य की चुनावी प्रक्रियाओं की आलोचना भी की। उन्होंने सामाजिक असमानताओं को दूर करने और सभी समुदायों के बीच संसाधनों का उचित आवंटन सुनिश्चित करने में जाति जनगणना के महत्व पर जोर दिया।
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