.भारत के इस प्रोजेक्ट के लिए अमेरिका से सीधे भिड़ने को तैयार हुआ रूस? जी, हां डोनाल्ड ट्रंप की ईरान नीति महायुद्ध की घंटी बजाती नजर आ रही है। अमेरिका और ईरान के बीच टेंशन और भी ज्यादा बढ़ गई है। अमेरिका की तरफ से ईरान पर हमले की तैयारी की जा रही है। अमेरिकी स्टेल्थ बी टू बॉम्बर हमले के लिए तैयार हैं। द सन की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि लादेन को दफनाने वाला वॉर शिप भेजा गया है।
ऐसा लग रहा है जैसे मानो ईरान विनाश की अमेरिका ने शपथ सी ले ली हो। इसके अलावा इजरायल की सेना भी ईरान पर हमले की पूरी तैयारी कर चुकी है। विध्वंसक हथियारों से ईरान की घेराबंदी की जा रही है। ईरान के खिलाफ सख्त प्रतिबंध की धमकी दी गई है। ईरान से संचालित हूती विद्रोहियों पर विध्वंसक हमले किए गए हैं। वजह सीधा सा है कि ईरान पर परमाणु समझौते के लिए दबाव बनाना। मीडिल ईस्ट में ईरान को अलग थलग करने की अमेरिका की रणनीति है। लेकिन ईरान के साथ कई देश खड़े होते नजर आ रहे हैं।
भारत ने करोड़ों रुपये खर्च कर ईरान में चाबहार पोर्ट का निर्माण करवाया है। अगर अमेरिका हमला करता है तो उसका निशाना चाबहार पोर्ट भी हो सकता है। ऐसे में भारत का एक बड़ा निवेश डूब सकता है। ऐसे में अब भारत का पक्का दोस्त रूस अब खुलकर ईरान के सपोर्ट में उतर आया है। ईरान के दुश्मनों को रूस चेतावनी देता नजर आ रहा है। रूस की तरफ से कहा गया है कि ईरान पर हमला बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। रूस की विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जाकारोवा ने कहा कि ईरान पर हमला हुआ तो तबाही मच जाएगी।
ये ईरान के लिए भी बहुत बड़ी राहत का सबब है
यानी रूस की तरफ से खुलकर अमेरिका को धमकी दे दी गई है। ये ईरान के लिए भी बहुत बड़ी राहत का सबब है। वो भी ऐसे वक्त में जब अमेरिका से लेकर तमाम यूरोपीय देश ईरान को धमकाते नजर आ रहे हैं। रूस वैसे भी ईरान का बहुत अहम सहयोगी माना जाता रहा है और इस मुश्किल वक्त में ईरान के साथ खड़ा नजर आ रहा है। इस वक्त रूस जैसे ताकतवर मुल्क की ईरान को बहुत ज्यादा जरूरत है। ईरान के ऊपर परमाणु डील पर दबाव लगातार बनाया जा रहा है। न सिर्फ अमेरिका बल्कि तमाम यूरोपीय देशों की तरफ से भी ईरान के ऊपर दबाव बनाया जा रहा है।
अमेरिका के संभावित हमले के डर से ईरानी सेना हाई अलर्ट पर है। ईरानी समाचार एजेंसी मेहर न्यूज़ ने इस बारे में बड़ा दावा किया है। ईरान ने अपने हवाई क्षेत्र को बंद कर दिया है। डिएगो गार्सिया द्वीप, जो ब्रिटेन के नियंत्रण में है, पर भी सभी की नज़र है, क्योंकि अतीत में अमेरिका ने इसी जगह से अफगानिस्तान और इराक पर हमले किए थे। ईरान के सर्वोच्च नेता आयतुल्लाह खामनेई ने अमेरिका के किसी भी हमले का मुंहतोड़ जवाब देने की चेतावनी दी है।
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