जी, हां उत्तरकाशी जिले के सिल्क्यारा टंनल में फंंसे 41 मजदूरों को निकाल लिया गया है। बता दें की बचाव अभियान के चलते टंनल के अंदर अस्थायी चिकित्सा सुविधा का विस्तार किया गया है। फंसे हुए मजदूरों को निकालने के बाद यहीं पर स्वास्थ्य प्रशिक्षण दिया जाएगा। किसी भी तरह की दिक्कत होने पर स्वास्थ्य विभाग की ओर से 8 बेड की व्यवस्था की गई है और डॉक्टरों व विशेषज्ञों की टीम तैनात की गई है।
4 चरण में रेस्क्यू ऑपरेशन
एक्यूरेट कंक्रीट सॉल्यूशंस के एमडी अक्षत कात्याल ने कहा, “पाइप को बिना किसी बाधा के बहुत सावधानी से अंदर धकेला गया है. पाइप आर-पार हो गया है। मजदूरों को बचाने का काम शुरू हो गया है. कम से कम 3 लोग हैं। 4 चरण में रेस्क्यू ऑपरेशन होगा। एनडीआरएफ की टीमें अंदर घुस चुकी हैं. रैंप बनते ही मजदूरों को बाहर निकाला जाएगा।’
बनाया गया टेंपररी अस्पताल
बचाव अभियान के चलते टंनल के अंदर अस्थायी चिकित्सा सुविधा का विस्तार किया गया है. फंसे हुए मजदूरों को निकालने के बाद यहीं पर स्वास्थ्य प्रशिक्षण दिया जाएगा। किसी भी तरह की दिक्कत होने पर स्वास्थ्य विभाग की ओर से 8 बेड की व्यवस्था की गई है और डॉक्टरों व विशेषज्ञों की टीम तैनात की गई है।
AIIMS डायरेक्टर बोले- बेड रिजर्व
एम्स ऋषिकेश के सहायक प्रोफेसर डॉ नरिंदर कुमार ने कहा कि ‘बचाए गए श्रमिकों को केवल तभी यहां लाया जाएगा जब उत्तरकाशी जिला अस्पताल में चिकित्सा उपचार की आवश्यकताएं पूरी नहीं हो सकेंगी।एम्स ऋषिकेश में, ट्रॉमा सेंटर में 20 बिस्तर हैं और कुछ आईसीयू बेड। यदि श्रमिकों को यहां लाया जाता है, तो उन्हें अच्छी चिकित्सा देखभाल दी जा सकती है। राज्य सरकार द्वारा आदेश दिए जाने पर उत्तरकाशी भेजे जाने के लिए डॉक्टरों की एक टीम गठित की गई है।’
यह भी पढ़ें- Anushka ने प्यूमा पर लगाया बिना परमिशन फोटो इस्तेमाल करने का आरोप