अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि मंदिर के शिखर पर आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भगवा ध्वज फहराकर एक ऐतिहासिक पल दर्ज किया। यह क्षण मंदिर के निर्माण पूर्ण होने की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि माना जा रहा है। इस ध्वज फहराने के कार्यक्रम को सांस्कृतिक विरासत, राष्ट्रीय एकता और आध्यात्मिक जागरण के नए अध्याय की शुरुआत के रूप में देखा जा रहा है।
सांस्कृतिक पुनर्जागरण का प्रतीक
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि यह ध्वज भारतीय सभ्यता के पुनर्जागरण का प्रतीक है। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि “यह पावन ध्वज इस बात को प्रमाणित करता है कि सत्य की विजय अवश्य होती है।” पीएम मोदी के अनुसार, अयोध्या एक बार फिर ऐसे ऐतिहासिक क्षण का साक्षी बन रहा है जो आने वाली पीढ़ियों के लिए महत्वपूर्ण प्रेरणा बनेगा।
रोड शो और प्रमुख मंदिरों के दर्शन
कार्यक्रम से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुबह अयोध्या में एक भव्य रोड शो किया, जिसमें बड़ी संख्या में लोगों ने उनका स्वागत किया। इसके बाद पीएम ने सप्तमंदिर और शेषावतार मंदिर का दौरा किया। जानकारी के अनुसार, शेषावतार मंदिर देश के उन दुर्लभ मंदिरों में से एक है जो भगवान राम के विशेष स्वरूप को समर्पित है।
प्रधानमंत्री मोदी माता अन्नपूर्णा मंदिर भी पहुंचे, जहां उन्होंने पूजा-अर्चना की। इसके बाद वे रामलला गर्भगृह में पहुंचे और दर्शन किए। इस दौरान सुरक्षा व्यवस्था और आयोजन की भव्यता चर्चा का विषय बनी रही।
अयोध्या में आज का दिन न केवल धार्मिक महत्व का रहा, बल्कि यह राजनीति, संस्कृति और राष्ट्रीय भावनाओं के समागम का भी द्योतक साबित हुआ। राम मंदिर के निर्माण के साथ-साथ यह आयोजन देश में सांस्कृतिक पहचान और विरासत के प्रति बढ़ते भाव को फिर से उजागर करता है।
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