Sunday, December 3, 2023
spot_img
spot_img
HomeUttarakhandUttarakhand: 2022 में भाजपा को सबक सिखाएंगी उत्तराखंड की महिलाएं

Uttarakhand: 2022 में भाजपा को सबक सिखाएंगी उत्तराखंड की महिलाएं

Uttarakhand, खबर संसार। मुख्यमंत्री ने राज्य महिला आयोग में तीन उपाध्यक्षों की ताजपोशी की हैं। तीनों को ही राज्यमंत्री का दर्जा दिया गया है। इनमें तीन तलाक मुद्दे पर लड़ने वाली मुस्लिम सायरो बानो, पुष्पा पासवान और ज्योति शाह हैं।

सायरो बानो को भाजपा में शामिल होने का ईनाम दिया गया है। पुष्पा पासवान का प्रदेश में क्या योगदान है? मुझे इस बात का दुख है कि प्रदेश सरकार पर्वतीय महिलाओं की उपेक्षा कर सायरो बानो की ताजपोशी इस पद पर कर दी है। यदि सायरो बानो को उपाध्यक्ष बनाना था तो पूर्व सीएम एनडी तिवारी के खिलाफ अपना हक लेने की लड़ाई लड़ने वाली उज्ज्वला क्या बुरी थी? राजनीतिक शोषण की शिकार महिलाओं की लड़ाई लड़ने पर उज्ज्वला को इस पद पर नवाज दिया जाता।

हिन्दुओं के नाम पर राजनीति करने वाली भाजपा वोट बैंक के लिए सायरा बानो को महिला आयोग जैसी संस्था में पदासीन करना कतई सही फैसला नहीं है। सायरो बानो और पासवान कहां से हैं? पासवान यदि चमोली की भी है तो उसका उत्तराखंड से क्या लेना-देना? क्या ये बिहार है? हम अपने ही राज्य में अपमानित क्यों?

Uttarakhand की महिलाओं का अपमान

उत्तराखंड (Uttarakhand) राज्य गठन के लिए यहां की कई महिलाओं ने अपनी अस्मत गंवा दी। उन्हें राज्य गठन के 20 साल बाद भी न्याय नहीं मिला है। यही नहीं मैं कई ऐसी महिलाओं को देखती हूं जो पिछले दो दशक से भाजपा का झंडा उठा रही हैं, लेकिन जब पदों का बंटवारा होता है तो इसमें उनकी अनदेखी कर दी जाती है।

उनका कार्य, पार्टी के प्रति निष्ठा और समर्पण की जगह भाई-भतीजावाद, सिफारिश या अवसरवादिता हावी हो जाती है। भाजपा की त्रिवेंद्र सरकार को ऐसी कोई महिला नहीं मिली जो इस पद पर नियुक्त की जा सके? यह उत्तराखंड (Uttarakhand) की महिलाओं का घोर अपमान है। मेरा कहना है कि सायरो बानो ने यदि अपने हक की लड़ाई लड़ी तो इसमें नया क्या है? उसका उत्तराखंड (Uttarakhand) के समाज में क्या योगदान है?

इसे भी पढ़ें- tourism को वाॅटर स्पोर्टस के आयोजन से मिलेगा बढ़ावा

राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष विजय बड़थ्वाल की उम्र 75 साल से भी अधिक है और वो काम नहीं कर पा रही हैं। कोरोना काल में घरेलू हिंसा की सैकड़ों शिकायतें मीडिया में आई लेकिन आज तक महिला आयोग ने क्या कदम उठाए, इसकी कोई जानकारी नहीं है। एक भाजपा विधायक भी मौजूदा समय में यौन शोषण का आरोपी है।

उत्‍तराखंंड की महिलाओं की अनदेखी हुई

यह मामला अदालत में है लेकिन महिला आयोग ने इस मामले को अधिक तवज्जो नहीं दी। यदि महिला आयोग किसी मामले को गंभीरता से लेता भी है तो उसकी सिफारिशों पर कार्रवाई होगी ही यह तय नहीं है। अब तीन उपाध्यक्ष मनोनीत कर दिये गये हैं जिनमें से दो महिलाओं को ईनाम दिया गया है। ऐसे में महिला आयोग कितना कारगर साबित होगा, यह सवाल उठना लाजिमी है।

भाजपा ने महिला आयोग में उत्तराखंड (Uttarakhand) की महिलाओं की अनदेखी की है और सायरोबानो की ताजपोशी की है। इसका खमियाजा पार्टी को 2022 में होने वाले चुनाव में भुगतना होगा। उत्तराखंड की महिलाएं भाजपा को अगले विधानसभा चुनाव में सबक सिखाएंगी।

RELATED ARTICLES
-Advertisement-spot_img

Most Popular

About Khabar Sansar

Khabar Sansar (Khabarsansar) is Uttarakhand No.1 Hindi News Portal. We publish Local and State News, National News, World News & more from all over the strength.