खाने में थूकने की घटनाओं को रोकने के लिए उत्तराखंड सरकार ने सख्त कदम उठाए हैं। हाल ही में धामी सरकार ने दिशानिर्देश जारी किए जिनमें अपराधियों के लिए 1 लाख रुपये तक का जुर्माना, होटल और ढाबा कर्मचारियों का अनिवार्य पुलिस सत्यापन और रसोई में सीसीटीवी कैमरे लगाना शामिल है। मसूरी में ग्राहकों को चाय परोसने से पहले दो लोगों द्वारा सॉस पैन में थूकने का आरोप सामने आने के बाद उत्तराखंड में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए। जवाब में, उत्तराखंड सरकार ने ऐसे अपराधों के दोषी पाए जाने वालों पर 25,000 से 1 लाख रुपये तक का भारी जुर्माना लगाने का फैसला किया।
चाय बनाते समय थूकना ही नहीं बल्कि पर्यटकों को परोसने से पहले फलों के जूस के गिलासों में भी कथित तौर पर थूकने की घटनाएं सामने आईं। देहरादून से एक वीडियो भी वायरल हुआ था जिसमें एक रसोइये को रोटी के लिए आटा बनाते समय कथित तौर पर थूकते हुए देखा जा सकता है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के कार्यालय ने एक्स पर लिखा कि उत्तराखंड में खाद्य पदार्थों में थूक और गंदगी मिलाने पर मुख्यमंत्री धामी ने स्पष्ट किया है कि राज्य में इस प्रकार की घटनाओं को बिल्कुल भी सहन नहीं किया जाएगा। मुख्यमंत्री जी के निर्देशानुसार इस संदर्भ में एक व्यापक एसओपी जारी की गई है।
खाद्य पदार्थों में थूक व अन्य गंदगी मिलाने के दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी
इसमें आगे लिखा है कि खाद्य पदार्थों में थूक और अन्य गंदगी मिलाने के दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी, जिसमें 25,000 रुपये से लेकर 1 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाने का प्रावधान किया गया है। प्रदेश सरकार में स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि त्योहारों का समय आ रहा है, जिसे देखते हुए सुरक्षा और शुद्धता उनकी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि त्यौहारों के दौरान किसी भी प्रकार की अशुद्धता या असामाजिक गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। मुख्यमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री के निर्देशों के बाद स्वास्थ्य सचिव व एफडीए के आयुक्त डॉ. आर राजेश कुमार ने विस्तृत मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी कर दोषियों पर कड़ी कार्रवाई के साथ 25 हजार से लेकर एक लाख रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान किया।
कुमार ने इस संबंध में कहा कि हाल के दिनों में राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में जूस एवं खानपान की अन्य वस्तुओं में मानव अपशिष्ट एवं अन्य गंदी चीजों की मिलावट के मामले सामने आये हैं, जो खाद्य सुरक्षा एव मानक अधिनियम 2006 के प्रावधानों का स्पष्ट उल्लंघन है। उन्होंने कहा सभी खाद्य कारोबारियों को लाइसेंस लेना, उसकी शर्तों का पालन करना तथा खाद्य पदार्थों में स्वच्छता का पालन करना भी अनिवार्य है। अधिकारी ने कहा कि खाद्य पदार्थों को प्रबंधित करते समय धूम्रपान, थूकना, नाक खुजाना, बालों में हाथ फेरना, शरीर के अंगों को खुजाना आदि आदतों पर नियंत्रण रखना होगा क्योंकि इससे खाद्य पदार्थों में बैक्टीरिया के संक्रमण की आशंका होती है।
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