नई दिल्ली, खबर संसार। लगातार 29 दिनों तक स्थिर रहने के बाद बुधवार को पेट्रोल (petrol) के भाव में 26 पैसे प्रति लीटर का इजाफा हुआ है, जबकि डीजल भी 25 पैसे तक महंगा हुआ है। राष्ट्रीय राजधानी में आज एक लीटर डीज़ल का भाव 74.12 रुपये है।
दरअसल, कोरोना वायरस महामारी ने वैश्विक स्तर पर एनर्जी डिमांड को प्रभावित किया है। कई देशों में वैक्सीनेशन शुरू होने की वजह से अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल (Crude Oil) का भाव चढ़ा है। ब्रेंट क्रूड ऑयल 53.86 डॉलर प्रति बैरल और वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट (WTI) 50 डॉलर के करीब ट्रेड कर रहा है।
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प्रति बैरल एक डॉलर के इजाफा से भारत के कच्चे तेल आयात बिल (Import Bill) पर 10,700 करोड़ रुपये सालाना का बोझ पड़ता है। लाइवमिंट की एक रिपोर्ट में सरकारी अधिकारी के हवाले से कहा गया है कि तेल कंपनियों ने पिछले कुछ समय में खुदरा दरों को स्थिर रखा है।
अब कीमतें बहुत बढ़ चुकी हैं। दिल्ली में अंतिम बार पेट्रोल (petrol) का उच्चतम भाव 4 अक्टूबर 2018 को 84 रुपये प्रति लीटर पर था। जबकि, पिछले साल ही डीजल का भाव 81.94 रुपये प्रति लीटर के साथ उच्चतम स्तर पर पहुंचा था।
देश में ट्रांसपोर्टेशन और ईंधन की दरों में लगातार इजाफा देखने को मिल रहा है। इससे सरकार पर टैक्स दरें कम करने का भी दबाव बढ़ा है। बता दें कि रिफाइनरी प्राइस के अलावा ईंधन पर केंद्र सरकार और राज्य सरकारों द्वारा लगाया जाने वाला टैक्स और डीलर्स कमिशन भी ईंधन के दाम में जोड़ा जाता है।
ओपेक देशों ने कच्चे तेल का उत्पादन कम करने का फैसला लिया
बुधवार को कीमतों में यह तेजी पेट्रोलियम (petrol) एक्सपोर्टिंग देशों (OPEC) प्लस की बैठक के बाद आया है. इस बैठक में फरवरी और मार्च 2021 के लिए उत्पादन को लेकर फैसला लिया गया है।
दिसंबर में ओपेक प्लस ने निर्णय किया था कि जनवरी से प्रति दिन 5 लाख बैरल कच्चे तेल का उत्पादन कम किया जाएगा। ओपेक ने अपने बयान में कहा है, ‘बैठक में फैसला लिया गया कि उत्पादन को धीरे-धीरे 2 mb/d पर ले जाना है। मार्केट की स्थिति के आधार पर इसकी गति तय की जाएगी।