पिछले कुछ वर्षों में भारत एक प्रमुख आर्थिक शक्ति के रूप में विकसित हुआ है। दुनिया भर में हो रहे डिजिटल परिवर्तन के युग में देश सबसे आगे है। तेजी से हो रहे डिजिटल परिवर्तन से भारत की अर्थव्यवस्था को काफी फायदा होगा। कुल जीडीपी में digital economy की हिस्सेदारी जल्द ही बढ़कर 20% हो सकती है।
केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने शुक्रवार को कहा कि वह दिल्ली में एक्सेलेरेशन एंड डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन एक्सपो में भाग ले रहे हैं। केंद्रीय मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि भारत न केवल दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है, बल्कि दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती डिजिटल अर्थव्यवस्था भी है।
अभी इतना हो चुका योगदान
उन्होंने कहा कि अभी डिजिटल इकोनॉमी देश के कुल सकल घरेलू उत्पाद यानी जीडीपी में करीब 11 फीसदी का योगदान दे रही है। उन्होंने इस बात की उम्मीद जताई कि कुल जीडीपी में digital economy का योगदान बढ़कर जल्दी ही 20 फीसदी यानी पांचवें हिस्से के बराबर हो सकता है।
इससे कुछ दिन पहले राजीव चंद्रशेखर ने एक अलग कार्यक्रम में दावा किया था कि 2026 तक कुल जीडीपी में डिलिटल इकोनॉमी का योगदान 20 फीसदी पर पहुंच सकता है। उन्होंने तब बताया था कि 2014 में जीडीपी में डिजिटल इकोनॉमी का योगदान महज 4।5 फीसदी था, जो अभी करीब 11 फीसदी हो चुका है।
इतनी तेज है बढ़ने की रफ्तार
राजीव चंद्रशेखर की मानें तो डिजिटल इकोनॉमी इन दिनों नॉर्मल इकोनॉमी की तुलना में कई गुना ज्यादा रफ्तार से तरक्की कर रही है। उन्होंने एक्सपो के दौरान कहा कि मोटा मोटह digital economy और खास तौर पर इनोवेशन इकोनॉमी की ग्रोथ रेट शानदार है। इनकी आगे बढ़ने की रफ्तार रेगुलर इकोनॉमी की तुलना में लगभग 3 गुना ज्यादा है।
केंद्रीय मंत्री ने इस दौरान बताया कि भारत को 2027 तक 5 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य रखा गया है। उसके साथ-साथ देश को साल 2026 तक दुनिया की ट्रिलियन डॉलर डिजिटल इकोनॉमी में से एक बनाने का भी लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि हम न सिर्फ दुनिया की सबसे तेज बढ़ती अर्थव्यवस्था बल्कि सबसे तेज बढ़ती डिजिटल अर्थव्यवस्था भी हैं।
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