खबर संसार, लखनऊ: अगर आप है Tourism के शौकीन, तो यूपी के इन शहरों को जरूर घूम लें, पर्यटन के लिहाज से उत्तर प्रदेश भी किसी से पीछे नहीं है, लेकिन इसकी आपको जानकारी होनी चाहिए बस। अगर आप घूमने-फिरने का प्लान बना रहे हैं तो कुछ अलग हट के कहीं अच्छी जगह जाना चाहते हैं तो एक बार उत्तर प्रदेश भी घूमिए। जहां आपको Tourism के लिहाज से कई पौराणिक और एतिहासिक चीजें देखने को मिलेंगी। उत्तर प्रदेश एक ऐसा प्रदेश है जहां कई अजूबे आपको को देखने को मिलेंगे। आज हम आपको बताएंगे कि उत्तर प्रदेश में कहां-कहां घूमने जाएं।
ताजमहल Tourism के लिहाज से बेहद खास
उत्तर प्रदेश में आगरा का जो ताजहमल है वह किसी अजूबे से कम नहीं है। Tourism के चलते पूरा विश्व इसे भारत की शान के रूप में देखता है। इसकी खूबसूरती मन को सुकून पहुंचाती है। ताज महल को शहजहां ने मुमताज की याद में 1632 में बनवाया था। जो 42 एकड़ के क्षेत्रफल में फैला हुआ है।
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नवाबों की धरती लखनऊ
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ भी किसी पहचान की मोहताज नहीं है, लखनऊ का इतिहास काफी पुराना है। आम तौर पर इसे अवध के नाम से भी जाना जाता है। यहां का इमामबाड़ा और भूल-लुलैया बेहद खास हैं। गोमती नदी के किनारे इस शहर में आपको खाने-पीने की बेहतरीन चीजें मिलेंगी। लखनऊ आपके लिए किसी जन्नत से कम नहीं।
बौद्ध तीर्थ स्थल कुशीनगर
पर्यटन के लिहाज से यूपी के कुशीनगर का अपना एक अलग ही महत्व है। इस बौद्ध तीर्थ स्थल से पहचाना जाता है। माना जाता है कि गौतम बुद्ध ने अपनी मृत्यु के बाद कुशीनगर में महापरिनिर्वाण प्राप्त की थी, ये छोटा शहर तो जरूर है मगर पर्यटन के लिहाज से पर्यटकों के लिए बेहद खास है। कहते हैं कि कुशीनगर का नाम भगवान राम के बेटे कुश से पड़ा है।
मथुरा-वृंदावन
मथुरा-वृंदावन घूमने के लिए पर्यटक यहां पूरे वर्ष लगातार आते हैं जबकि सबसे ज्यादा पर्यटक होली और जन्माष्टमी के मौके पर बड़ी संख्या में लोग आते हैं। यहां आपको रुकने के लिए आसानी से धर्मशालाएं भी मिल जाएंगी। यमुना किनारे बसे कृष्ण जन्म भूमि, विश्राम घाट, इस्कॉन मंदिर, द्वारकाधीश मंदिर, गोवर्धन पर्वत ऐसे स्थान हैं जहां आपको जरूर घूमना चाहिए।
शिव कर नगरी बनारस
वाराणसी अर्थात बनारस को भगवान शिव की नगर के नाम से जाता है। सनातन धर्म व हिन्दू परंपरा में ऐतिहासिक व पौराणिक रूप व Tourism के लिहाज से बेहद खास स्थान है। यहां का गंगा तट जो बेहद खास है। ऐसा माना जाता है कि महाकवि तुलसीदास ने रामचरित मानस नामक महाकाव्य वाराणसी में लिखा था।